यूरोपीय कंपनियों का आगमन क्रम (Arrival of European Companies)

Arrival of European Companies

यूरोपीय देशो का 15वीं सदी के अन्त में भारत आने के साथ ही सामुद्रिक रास्तों की खोज होना प्रारम्भ हो गया | यद्यपि यूरोपीय भारत के अलावा भी बहुत स्थानों पर अपने उपनिवेश बनाने में कामयाब हुए पर इनमें से अधिकांश का मुख्य आकर्षण भारत ही था। 17वीं सदी के अंत तक यूरोपीय कई एशियई जगहों पर अपनी उपस्थिति दर्ज़ करा चुके थे और अठारहवीं सदी के उत्तरार्ध में वे कई जगहों पर काबिज़ हो गए थे। भारत पर उन्नासवीं सदी में जाकर ही अंग्रेजों का एकाधिकार हो पाया था। आइए जाने यूरोपीय कंपनियों का भारत आने का सही क्रम Read More …

यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किए गए राजस्थान के 6 किले (6 Fort of Rajasthan which is declared as World Heritage Sites by UNESCO)

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संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को – The United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization: UNESCO) ने राजस्थान, भारत में अरावली पहाड़ियों पर बने भव्य और सुंदर जैसलमेर और चित्तौरगढ़ किले समेत छह किलों को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची (व‌र्ल्ड हैरिटेज लिस्ट) में शामिल किया. ये किले हैं-चित्तौरगढ़ का किला, सवाई माधोपुर का रणथंभौर किला, राजसमंद का कुंभलगढ़ किला, जैसलमेर का किला, जयपुर का अकबर किला और झालवाड़ का गैगटोन. आइए जाने इन किलो कों कैसे याद रख सकते हैं – युक्ति: स्पष्टीकरण : क्रम युक्ति किला स्थान संरक्षण 1 ची चित्तौड़ का  किला चित्तौड़गढ़  एएसआई 2 Read More …

अभिलेख जिनमे सम्राट अशोक का नाम अंकित है (Inscriptions where Ashoka name is mentioned)

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मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक द्वारा प्रवर्तित कुल 33 अभिलेख प्राप्त हुए हैं जिन्हें अशोक ने स्तंभों, चट्टानों और गुफ़ाओं की दीवारों में अपने 269 ईसा पूर्व से 231 ईसा पूर्व चलने वाले शासनकाल में खुदवाए। ये आधुनिक बंगलादेश, भारत, अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और नेपाल में जगह-जगह पर मिलते हैं और बौद्ध धर्म के अस्तित्व के सबसे प्राचीन प्रमाणों में से हैं। आइए जाने किनमे सम्राट अशोक का नाम अंकित है और इसे याद रखने की युक्ति- युक्ति: स्पष्टीकरण : क्रम युक्ति स्थान वर्तमान राज्य 1 नीतू नेत्तूर मध्यप्रदेश 2 मास्को मस्की कर्नाटक 3 उड़कर उद्गोलन कर्नाटक 4 गुजरी गुर्जारा कर्नाटक Read More …

अकबर के द्वारा किये गए कार्य (Works done by Akbar)

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जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। आइये जाने कि इस मुग़ल सम्राट के द्वारा किए गए कार्यों को क्रमवार कैसे याद रखा जाए – युक्ति : स्पष्टीकरण : क्रम युक्ति कार्य सन् 1 दास दास प्रथा का अंत 1562 2 हरमदल  ‘हरमदल’ से मुक्ति 1562 3 तीरथ तीर्थ यात्रा कर समाप्त 1563 4 जजिया जजिया कर समाप्त 1564 5 धर्म परिवर्तन बंदी धर्म परिवर्तन बंद कराया 1565 6 सीकरी बदली राजधानी सीकरी की स्थापना 1575 7 इबादत Read More …

मुग़ल बादशाह

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मुग़ल साम्राज्य एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था, जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। इस बीच कई मुग़ल राजाओ ने भारत पर शासन किया जिन्हें क्रमवार याद करने की युक्ति नीचे दी जा रही है – युक्ति : स्पष्टीकरण : क्रम युक्ति बादशाह शासनकाल 1 B बाबर 1526 2 H हुमांयु 1530-1540 ; 1555-1556 3 A अकबर 1556-1605 4 JI जहांगीर 1605-1627 5 S शाहजहाँ 1627-1658 6 A औरंगजेब 1658-1707 7 B बहादुरशाह 1707-1712 Read More …

बाबर के द्वारा लड़े जाने वाले प्रमुख युद्ध

Babur

  बाबर, तैमूर लंग का पोता था और उसका विश्वास था कि चंगेज़ ख़ान उसके वंश का पूर्वज था। उसने अपने जीवन काल में निम्न प्रमुख युद्ध लड़े – पानीपत का प्रथम युद्ध खानवा का युद्ध चन्देरी का युद्ध घाघरा का युद्ध   आइये जाने कि इन युद्धों को क्रमवार कैसे याद रखा जाए – युक्ति : स्पष्टीकरण : क्रम युक्ति युद्ध सन् विरुद्ध परिणाम हार का कारण 1 पान पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 इब्राहिम लोदी जीत सेना संगठन का आभाव 2 खा खानवा का युद्ध 17 मार्च 1527 राणा सांगा जीत तोमरों ने साथ छोड़ा 3 चल चन्देरी Read More …

अकबर के नवरत्न (Nine Gems of Akbar)

nine gems of akbar's court

भारत का महान मुगल बादशाह अकबर स्वयं निरक्षर होते हुए भी इतिहासज्ञों, चित्रकारों, सुलेख लिखने वाले केलिग्राफिस्ट, विचारकों, धर्म–गुरुओं, कलाकारों एवं बुद्धिजीवियो का विशेष प्रेमी था। कहा जाता है अकबर के दरबार में ऐसे 9 गुणवान दरबारी थे जिन्हें कालांतर में अकबर के नवरत्न के नाम से भी जाना गया