भारतीय राष्ट्रपति (Indian Presidents in order)

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राष्ट्रपति संघ के कार्यपालक अध्यक्ष हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। अनुच्छेद 52 के अनुसार संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहित है। वह सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी होता है। सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध/शांति की घोषणा करने वाला होता है। वह देश के प्रथम नागरिक है। आइए देखते हैं कैसे सभी के नाम याद रखे जा सकते हैं –

युक्ति:
राजू की राधा जाकर गिरी फकरुद्दीन रेड्डी की जैल में तब रामाशंकर नारायण की कलम से प्रतिभा निकली प्रणव की
स्पष्टीकरण :
क्रम युक्ति राष्ट्रपति कार्यकाल विशेष
1  राजू  राजेंद्र प्रसाद  1952-62  प्रथम निर्वाचित,
तीन बार राष्ट्रपति पद की शपथ,
सर्वाधिक अवधि तक राष्ट्रपति,
भारत रत्न मिला।
2  राधा सर्वपल्ली राधाकृष्णन  1962-67  उससे पहले दो बार उपराष्ट्रपति(1952-62),
5 सितम्बर शिक्षक दिवस,
(विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर),
उपराष्ट्रपति पद पर रहते भारत रत्न मिला।
3  जाकर  जाकिर हुसैन  1967-69  प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति,
(इनकी पद पे रहते मृत्यु 2 वर्ष),
इनको भी उपराष्ट्रपति पद पर रहते भारत रत्न मिला ।
4  गिरी  वी.वी.गिरी  1969-74  दूसरे चक्र की मतगणना मेँ जीते,
भारत रत्न मिला ।
5  फकरुद्दीन फकरुद्दीन 1974-77 सबसे ज्यादा अध्यादेश जारी करने वाले,
(पिछले जाकिर हुसैन 2 वर्ष तो 1 और जोड़ दो 2+1=3 वर्ष) ।
6  रेड्डी  नीलम संजीव रेड्डी  1977-82  ये निर्विरोध निर्वाचित होने वाले राष्ट्रपति नोट-25 जुलाई को शपथ

क्रम 6 से 13 तक के सभी राष्ट्रपतियोँ ने 25 जूलाई को शपथ ली हैँ।

7  जैल  ज्ञानी जैल सिंह  1982-87  प्रथम सिख राष्ट्रपति
8  रामा  रामाकृष्ण वेंकट रमन  1987-92
9  शंकर  शंकर दयाल शर्मा  1992-1997
10  नारायण  के.आर.नारायण  1997-02  प्रथम दलित राष्ट्रपति
11  कलम  ए.पी.जे.अब्दुल कलाम  2002-07  भारत रत्न मिला ,
मिसाइल मैन ।
12  प्रतिभा  प्रतिभा देवी सिंह पाटिल  2007-2012  प्रथम महिला राष्ट्रपति,
जन्म स्थान जलगाँव महाराष्ट्र,
ससुराल छोटी लोसल सीकर है,
ये राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल थी,
पति देवीसिँह शेखावत
13  प्रणव  प्रणब मुखर्जी  2012-  विपक्षी उम्मीदवार श्री पी॰ए॰संगमा को हराया।

 

कार्यवाहक राष्ट्रपति

  • वी.वी.गिरी(03 May to 10 July, 1969)
  • एक हिदायातुल्ला(20 July to 24 August, 1969)
  • बी.डी. जत्ती(11 February 1977 to 25 July 1977)

 

महत्वपूर्ण-

 

आवश्यक योग्यताएँ

  1. भारत का कोई नागरिक जिसकी उम्र 35 साल या अधिक हो वो एक राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार हो सकता है।
  2. राष्ट्रपति के लिए उम्मीदवार को लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता होना चाहिए
  3. सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण नहीं करना चाहिए

परन्तु निम्नलिखित कुछ कार्यालय-धारकों को राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में खड़ा होने की अनुमति दी गई है-

  1. वर्तमान राष्ट्रपति
  2. वर्तमान उपराष्ट्रपति
  3. किसी भी राज्य के राज्यपाल
  4. संघ या किसी राज्य के मंत्री।

 

राष्‍ट्रप‍ति के निर्वाचन सम्‍बन्‍धी किसी भी विवाद में निणर्य लेने का अधिकार उच्‍चतम न्‍यायालय को है।

 

चुनाव

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है।
राष्ट्रपति को भारत के संसद के दोनो सदनों (लोक सभा और राज्य सभा) तथा साथ ही राज्य विधायिकाओं (विधान सभाओं) के निर्वाचित सदस्यों द्वारा पाँच वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है। वोट आवंटित करने के लिए एक फार्मूला इस्तेमाल किया गया है ताकि हर राज्य की जनसंख्या और उस राज्य से विधानसभा के सदस्यों द्वारा वोट डालने की संख्या के बीच एक अनुपात रहे और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों और राष्ट्रीय सांसदों के बीच एक समानुपात बनी रहे। अगर किसी उम्मीदवार को बहुमत प्राप्त नहीं होती है तो एक स्थापित प्रणाली है जिससे हारने वाले उम्मीदवारों को प्रतियोगिता से हटा दिया जाता है और उनको मिले वोट अन्य उम्मीदवारों को तबतक हस्तांतरित होता है, जबतक किसी एक को बहुमत नहीं मिलती।

महाभियोग

अनुच्छेद 61 राष्ट्रपति के महाभियोग से संबंधित है। भारतीय संविधान के अंतर्गत मात्र राष्ट्रपति महाभियोजित होता है, अन्य सभी पदाधिकारी पद से हटाये जाते है। महाभियोजन एक विधायिका संबंधित कार्यवाही है जबकि पद से हटाना एक कार्यपालिका संबंधित कार्यवाही है। महाभियोजन एक कडाई से पालित किया जाने वाला औपचारिक कृत्य है जो संविधान का उल्लघंन करने पर ही होता है। यह उल्लघंन एक राजानैतिक कृत्य है जिसका निर्धारण संसद करती है।
वह तभी पद से हटेगा जब उसे संसद मे प्रस्तुत किसी ऐसे प्रस्ताव से हटाया जाये जिसे प्रस्तुत करते समय सदन के १/४ सदस्यों का समर्थन मिले। प्रस्ताव पारित करने से पूर्व उसको 14 दिन पहले नोटिस दिया जायेगा। प्रस्ताव सदन की कुल संख्या के 2/3 से अधिक बहुमत से पारित होना चाहिये। फिर दूसरे सदन मे जाने पर इस प्रस्ताव की जाँच एक समिति के द्वारा होगी। इस समय राष्ट्रपति अपना पक्ष स्वंय अथवा वकील के माध्यम से रख सकता है। दूसरा सदन भी उसे उसी 2/3 बहुमत से पारित करेगा। दूसरे सदन द्वारा प्रस्ताव पारित करने के दिन से राष्ट्रपति पद से हट जायेगा।

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