जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। आइये जाने कि इस मुग़ल सम्राट के द्वारा किए गए कार्यों को क्रमवार कैसे याद रखा जाए –
युक्ति :
दास, हरमदल, तीरथ, जजिया कर, किया धर्म परिवर्तन बंदी |
सीकरी बदली राजधानी और इबादत मज़हर बना, धर्म बनाया ईलाही ||
सीकरी बदली राजधानी और इबादत मज़हर बना, धर्म बनाया ईलाही ||
स्पष्टीकरण :
क्रम | युक्ति | कार्य | सन् |
1 | दास | दास प्रथा का अंत | 1562 |
2 | हरमदल | ‘हरमदल’ से मुक्ति | 1562 |
3 | तीरथ | तीर्थ यात्रा कर समाप्त | 1563 |
4 | जजिया | जजिया कर समाप्त | 1564 |
5 | धर्म परिवर्तन बंदी | धर्म परिवर्तन बंद कराया | 1565 |
6 | सीकरी बदली राजधानी | सीकरी की स्थापना | 1575 |
7 | इबादत | इबादत खाने का निर्माण | 1575 |
8 | मज़हर | मज़हर की घोषणा | 1579 |
9 | धर्म बनाया | दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना | 1582 |
10 | ईलाही | ईलाही सम्वत की शुरुआत | 1585 |
महत्वपूर्ण-
संक्षिप्त परिचय-
- पूरा नाम – बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर (जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था इसलिए, बद्र का अर्थ होता है पूर्ण चंद्रमा और अकबर उनके नाना शेख अली अकबर जामी के नाम से लिया गया था। कहा जाता है कि काबुल पर विजय मिलने के बाद उनके पिता हुमायूँ ने बुरी नज़र से बचने के लिए अकबर की जन्म तिथि एवं नाम बदल दिए थे। किवदंती यह भी है कि भारत की जनता ने उनके सफल एवं कुशल शासन के लिए इस नाम से सम्मानित किया था। अरबी भाषा मे इस शब्द का अर्थ “महान” या बड़ा होता है।)
- जन्म – 15 अक्टूबर 1542
- जन्म स्थान – उमरकोट किला, सिंध
- पिता – हुमायूँ
- माता – नवाब हमीदा बानो बेगम साहिबा
- धर्म – मुसलमान
- मृत्यु – 27 अक्टूबर 1605
- पत्नियाँ – रुक़ाइय्याबेगम बेगम सहिबा, सलीमा सुल्तान बेगम सहिबा और मारियाम उज़-ज़मानि बेगम सहिबा
- मृत्यु स्थान – फतेहपुर सीकरी, आगरा
अन्य-
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