झील
- जल का वह स्थिर भाग है जो चारो तरफ से स्थलखंडों से घिरा होता है |
- झीलों की दूसरी विशेषता इनका स्थायित्व है |
- सामान्य रूप से झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे हैं जिनमें जल भरा होता है |
- झीलों का जल प्रायः स्थिर होता है।
राजस्थान में मीठे पानी और खारे पानी की दो प्रकार की झीलें हैं। खारे पानी की झीलों से नमक तैयार किया जाता है। मीठे पानी की झीलों का पानी पीने एंव सिंचाई के काम में आता है। आइये जानते हैं राजस्थान में खारे पानी की कितनी प्रमुख झीले हैं और इन्हें कैसे याद रखे –
S.N. | Trick | झील – जिला |
1 | बा | बाप – जोधपुर |
2 | पू | पौकरण- जैसलमेर |
3 | रे | रेवासा- सीकर |
4 | कु | कुचामन- नागौर |
5 | ता | तालछापर- चुरू |
6 | सा |
सांभर- जयपुर |
7 | डी |
डीडवाना- नागौर |
8 | का |
कावोद- जैसलमेर |
9 | प |
पचभदरा- बाड़मेर |
10 | ल्लू |
लुणकरणसर- बीकानेर |
11 | फा |
फलौदी- जोधपुर |
12 | डे |
डेगाना- नागौर |
महत्वपूर्ण-
1- डीडवाना (नागौर)
राजस्थान के नागौर जिले में लगभग 4 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैली इस झील में सोडियम क्लोराइड की बजाय सोडियम स्लफेट प्राप्त होता है। अतः यहां से प्राप्त नमक खाने योग्य नहीं है। इसलिए यहां का नमक विभिन्न रासायनिक क्रियाओं में प्रयुक्त होता है।इस झील के समीप ही राज्य सरकार द्वारा “राजस्थान स्टेट केमिकलवक्र्स” के नाम से दो इकाईयां लगाई है जो सोडियम सल्फेट व सोडियम सल्फाइट का निर्माण करते है। थोड़ी बहुत मात्रा में यहां पर नमक बनाने का कार्य ‘देवल’ जाती के लोगों द्वारा किया जाता है।
2- लूणकरणसर (बीकानेर)
राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित यह झील अत्यन्त छोटी है। परिणामस्वरूप यहां से थोडी बहुत मात्रा में नमक स्थानीय लोगो की ही आपूर्ति कर पाता है। लूणकरणसर मूंगफली के लिए प्रसिद्ध होने के राजस्थान का राजकोट कहलाता है।
3- साॅंम्भर (जयपुर)
यह झील जयपुर की फुलेरा तहसील में स्थित है। बिजोलिया शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण चैहान शासक वासुदेव ने करवाया था। यह भारत में खारे पानी की आन्तरिक सबसे बड़ी झील है इसमें खारी, खण्डेला, मेन्था, रूपनगढ नदियां आकर गिरती है।यह देश का सबसे बड़ा आन्तरिक स्त्रोत है यहां मार्च से मई माह के मध्य नमक बनाने का कार्य किया जाता है। यहां पर रेशता नमक, क्यार नमक दो विधियों से तैयार होता है। यहां नमक केन्द्र सरकार के उपक्रम “हिन्दुस्तान साॅल्ट लिमिटेड” की सहायक कम्पनी ‘सांभर साल्ट लिमिटेड’ द्वारा तैयार किया जाता है। भारत के कुल नमक उत्पादन का 8.7 प्रतिशत यहां से उत्पादित होता है।
4- पंचभद्रा (बाड़मेर)
राजस्थान के बाड़मेर जिले के बालोत्तरा के पास स्थित है। इस झील का निर्माण पंचा भील के द्वारा कराया गया अतः इसे पंचभद्रा कहते है। इस झील का नमक समुद्री झील के नमक से मिलता जुलता है। इस झील से प्राप्त नमक में 98 प्रतिषत मात्रा सोडियम क्लोराइड है। अतः यहां से प्राप्त नमक उच्च कोटी है। इस झील से प्राचीन समय से ही खारवाल जाति के 400 परिवार मोरली वृक्ष की टहनियों से नमक के (क्रीस्टल) स्फटिक तैयार करते है।
5- जाने राजस्थान की मीठे पानी की झीलों को और इनको याद करने की युक्ति|
Nice tip
8
Very nice rajasthan gk
Nice