विद्दुत चुम्बकीय तरंगे (Electromagnetic Waves)

विदुत चुम्बकीय तरंगे

विद्युत चुम्बकीय तरंगों के संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती तथा ये तरंगें निर्वात (space) में भी संचरित हो सकती हैं। ये तरंगें चुम्बकीय एवं विद्युत क्षेत्रों के दोलन से उत्पन्न होने वाली अनुप्रस्थ तरंगें हैं। प्रकाश तरंगें, ऊष्मीय विकिरण, एक्स किरणें, रेडियो तरंगें आदि विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के उदाहरण हैं। इन तरंगों का तरंग दैध्र्य परास (wave length) काफी विस्तृत होता है। इनका परास 10-14 मी. से लेकर 104 मी. तक होता है। आइए आंते हैं आवृत्ति के बढते क्रम में इन तरंगों कों याद रखने की युक्ति- युक्ति: स्पष्टीकरण : क्रम युक्ति तरंग  खोजकर्ता आवृत्ति (Hz) तरंगदैर्ध्य Read More …

प्रोटोजोआ से होने वाले रोग (Diseases caused by Protozoa)

Diseases caused by Protozoa

प्रोटोज़ोआ एककोशिक प्राणी हैं, जो रचना और क्रिया की दृष्टि से अपने आपमें पूर्ण हैं। इनकी कोशिका के दो भाग होते हैं : कोशिकाद्रव्य और केंद्र। कोशिकाद्रव्य के दो भाग होते हैं : बहिर्द्रव्य और अंतर्द्रव्य। बहिर्द्रव्य रक्षा, स्पर्शज्ञान और संचलन का कार्य करता है तथा अंतर्द्रव्य पोषण एवक प्रजनन का। इससे से विभिन्न वंशों में भिन्न प्रकार के संचलन अंग बनते हैं, यथा कूटपाड, कशाभ, रोमाभ आदि। इसी द्रव्य से ही आकुंची धानी, पाचनसंयंत्र के आद्यरूप (यथा मुख, कंठ आदि) और सिस्ट की दीवार आदि बनती है। कुछ प्रोटोज़ोआ द्विकेंद्री होते हैं। प्रजनन अलिंगी तथा लैगिक दोनों ही प्रकार Read More …

कवक से होने वाले रोग (Disease caused by fungus)

disease-caused-by-fungi

कवक या फफूंद एक प्रकार का परजीवी पौधा है जो अपना भोजन सड़े गले म्रृत कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं। ये संसार के प्रारंभ से ही जगत में उपस्थित हैं। इनका सबसे बडा लाभ इनका संसार मे अपमार्जक के रूप में कार्य करना है। इनके द्वारा जगत में से कचरा हटा दिया जाता है। कुछ लोगों का मत है कि कवक की उत्पत्ति शैवाल (algae) में पर्णहरिम की हानि होने से हुई है। यदि वास्तव में ऐसा हुआ है तो कवक को पादप सृष्टि (Plant kingdom) में रखना उचित ही है। दूसरे लोगों का विश्वास है कि इनकी उत्पत्ति Read More …

विटामिन की कमी से होने वाले रोग (Deficiency of Vitamin)

विटामिन की कमी से होने वाले रोग

विटामिन भोजन के वे अवयव हैं, जिनकी सभी जीवों को थोड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता बल्कि खाने के रूप में लेना आवश्यक हो। विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, बी-कॉम्प्लेक्स आदि तत्वों की आवश्यकता होती है। आइये जानते हैं शरीर में कौन से विटामिन की कमी से कौन सा रोग हो सकता है और इन्हें याद करने की युक्ति – युक्ति : नोट : राज ने बेड/चारपाई पे(पर) चढ़ कर दूसरा इनाम जो की रथ(chariot) Read More …

विटामिन के रासायनिक नाम (Chemical Name)

chart of chemical name of vitamins

विटामिन (vitamin) या जीवन सत्व भोजन के अवयव हैं जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक (कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा गन्धक आदि तत्वों से बने सक्रिय एवं जटिल कार्बनिक यौगिक) होते हैं, उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक हो। इन्हें वृद्धिकारक भी कहते हैं। ये अल्पांश में हमारे शरीर को स्वस्थ एवं निरोग रखने के लिए आवश्यक होते हैं। इनकी कमी से अपूर्णता रोग हो जाते हैं। युक्ति : स्पष्टीकरण Read More …