बाबर, तैमूर लंग का पोता था और उसका विश्वास था कि चंगेज़ ख़ान उसके वंश का पूर्वज था। उसने अपने जीवन काल में निम्न प्रमुख युद्ध लड़े –
- पानीपत का प्रथम युद्ध
- खानवा का युद्ध
- चन्देरी का युद्ध
- घाघरा का युद्ध
आइये जाने कि इन युद्धों को क्रमवार कैसे याद रखा जाए –
क्रम | युक्ति | युद्ध | सन् | विरुद्ध | परिणाम | हार का कारण |
1 | पान | पानीपत का प्रथम युद्ध | 1526 | इब्राहिम लोदी | जीत | सेना संगठन का आभाव |
2 | खा | खानवा का युद्ध | 17 मार्च 1527 | राणा सांगा | जीत | तोमरों ने साथ छोड़ा |
3 | चल | चन्देरी का युद्ध | 21 जनवरी 1528 | राजपूत (नेतृत्व – मेदिनी राय) | जीत | बाबर की सेना का रात भर में पहाड़ी को काट डालना |
4 | घर | घाघरा का युद्ध | 6 मई 1529 | बंगाल का शासक नुसरतशाह (नेतृत्व – महमूद लोदी) | जीत | – |
महत्वपूर्ण-
- ज़हिर उद-दिन मुहम्मद बाबर (14 फ़रवरी 1483 – 26 दिसम्बर 1530) जो बाबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ |
- मुग़ल वंश का संस्थापक जिसका मूल मध्य एशिया था |
- मुबईयान नामक पद्य शैली का जन्मदाता बाबर को माना जाता है |
पानीपत का युद्ध-
पानीपत के प्रथम युद्ध को जीतने के बाद दिल्ली में अधिकार व उसके उपरान्त 1526 में मुग़ल वंश की नीव
खानवा का युद्ध-
- युद्ध के दौरान तोमरों ने राणा सांगा का साथ छोड़ दिया और बाबर से जा मिले ।
- इस में इब्राहिम लोदी के भाई मेहमूद लोदी ने राणा का साथ दिया दिया था ।
- यही से बाबर ने भारत में रहने का निश्चय किया इस युद्ध में हीं प्रथम बार उसने ने धर्म युद्ध जेहाद का नारा दिया और गाजी अर्थात दानी की उपाधि ली थी ।
चंदेरी का युद्ध-
चंदेरी का प्रसिद्ध दुर्ग मेदनीराय के अधिकार में था | बाबर ने मेदनीराय पर धावा बोला और 20 जनवरी 1528 को वह चंदेरी पहुंचा| मेदनीराय 5000 राजपूतों के साथ किले का फाटक बंद कर दिया|नगर के सामने 230 फ़ीट ऊंची चट्टान पर चंदेरी का दुर्ग बना हुआ था|
यह स्थान मालवा तथा बुंदेलखंड की सीमाओं पर स्थित होने के कारण से महत्वपूर्ण था|
बाबर ने मेदनीराय के सामने जागीर लेकर किले को सौंप देने का प्रस्ताव किया परंतु उसने संधि करने से मना कर दिया| इसी समय पूर्व से खबर मिली की अफगानों ने शाही सेना को पराजित कर दिया है जो लखनऊ छोड़कर कन्नौज लौटाने के लिए विवश हुई थी|
इस समाचार को सुनकर बाबर घबराया नहीं बल्कि उसने किले का घेरा जारी रखा, उसने किले पर चारों ओर से इतनी जोर का हमला किया कि राजपूतों ने निराश होकर जौहर किया और वीरता पूर्वक लड़कर सब के सब वीरगति को प्राप्त हुए और किले पर बाबर का अधिकार हो गया|
इसी बीच 30 जनवरी को महाराणा सांगा का देहांत हो गया और निकट भविष्य में राजपूत शक्ति के पुनरुत्थान की रही सही आशा भी जाती रही| विद्रोही अफगान सरदार दबा दिए गए और सन 1528 के अंत तक बाबर ने शांति का उपभोग किया |
घाघरा का युद्ध-
- युद्ध में बाबर ने महमूद लोदी के नेतृत्व में लड़ रहे अफ़ग़ानों को करारी शिकस्त दी।
- बाबर ने घाघरा के युद्ध में बंगाल एवं बिहार की संयुक्त सेनाओं को परास्त किया।
- घाघरा युद्ध की यह विशेषता थी कि यह जल एवं थल दोनों पर लड़ा गया था।
- युद्ध के परिणामस्वरूप बाबर का साम्राज्य ऑक्सस से घाघरा एवं हिमालय से ग्वालियर तक पहुँच गया।
- घाघरा युद्ध के बाद बाबर ने बंगाल के शासक नुसरतशाह से संधि कर उसके साम्राज्य की संप्रभुता को स्वीकार किया।
- नुसरतशाह ने बाबर को आश्वासन दिया कि वह बाबर के शत्रुओं को अपने साम्राज्य में शरण नहीं देगा।
- इस युद्ध के लगभग डेढ़ वर्ष बाद ही बीमारी के कारण 26 दिसम्बर, 1530 को बाबर की मृत्यु हो गई।
अन्य तथ्य-
- अफ़ग़ान उन पर्वतीय जन-जातियों के लिए प्रचलित शब्द, जो न केवल अफ़ग़ानिस्तान में बसती है, बल्कि पश्चिमोत्तर सीमा प्रान्तों में भी रहती है।
- इतिहास के आरम्भ काल से ही भारत के साथ इस दुर्धर्ष जाति के सम्बन्ध मित्रता के भी रहे हैं और शत्रुता के भी।
- भारत की सम्पदा पर लुब्ध होकर ये लोग व्यापारी और लुटेरे दोनों रूपों में भारत आते रहे।
- सुल्तान महमूद ग़ज़नवी पहला अफ़ग़ान सुल्तान था, जिसने भारत पर आक्रमण किया।
- शहाबुद्दीन मुहम्मद ग़ोरी पहला अफ़ग़ान सुल्तान था, जिसने भारत में मुसलमान शासन की नींव डाली।
- दिल्ली के जिन सुल्तानों ने 1200 से 1526 ई. तक यहाँ राज्य किया।, वे सभी अफ़ग़ान अथवा पठान पुकारे जाते थे। लेकिन उनमें से अधिकांश तुर्की थे।
- केवल लोदी राजवंश के सुल्तान (1450-1526 ई.) ही असल पठान थे।
- प्रथम मुग़ल बादशाह बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में भारत से पठान शासन का अन्त कर दिया।
- शेरशाह सूरी ने दुबारा पठान राज्य स्थापित किया और पानीपत की दूसरी लड़ाई को जीतकर अकबर ने उसे समाप्त कर दिया।
- अकबर ख़ाँ ने प्रथम आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध (1841-43) के दौरान अफ़ग़ानों को संगठित कर अंग्रेज़ों के हमले का मुक़ाबला करने में ख़ास हिस्सा लिया था।
babar the great .
नमस्ते सर
बाबर ने पहला आक्रमण भारत पर कब किया
बाबर ने पहला आक्रमण 1519AD में भेरा पर किया
Panipat 1 yudh.1526
Khanwa ka yudh..1527
Chanderi ka yudh..1528
Ghagra ka yudh 1529
very nice
Very good sir ji brilliant mind
Best of luck
Barber ka total youd cream vige
Very nice
Baabarnamas 1530 rightars baabar lenngbej Turki
बाबर चंगेज खां और तैमूर का वंशज था बाबर भारत को लूटने के लिए देश से आया था लेकिन उसे यहां की स्थिति वातावरण पसंद आ गया और उसने यही रहने का निश्चित कर लिया
अच्छा
Babar ne Pehla aakrmnn 1519 AD me kiya jisne bhera kaa kila जीता