मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक द्वारा प्रवर्तित कुल 33 अभिलेख प्राप्त हुए हैं जिन्हें अशोक ने स्तंभों, चट्टानों और गुफ़ाओं की दीवारों में अपने 269 ईसा पूर्व से 231 ईसा पूर्व चलने वाले शासनकाल में खुदवाए। ये आधुनिक बंगलादेश, भारत, अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और नेपाल में जगह-जगह पर मिलते हैं और बौद्ध धर्म के अस्तित्व के सबसे प्राचीन प्रमाणों में से हैं। आइए जाने किनमे सम्राट अशोक का नाम अंकित है और इसे याद रखने की युक्ति-
युक्ति:
नीतू मास्को से उड़कर गुजरी
स्पष्टीकरण :
क्रम | युक्ति | स्थान | वर्तमान राज्य |
1 | नीतू | नेत्तूर | मध्यप्रदेश |
2 | मास्को | मस्की | कर्नाटक |
3 | उड़कर | उद्गोलन | कर्नाटक |
4 | गुजरी | गुर्जारा | कर्नाटक |
महत्वपूर्ण-
संक्षिप्त जीवन परिचय
- राजकाल – 304 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व
- राज्याभिषेक – 270ईसा पूर्व
- जन्म – 304 ईसा पूर्व (पाटलिपुत्र, पटना)
- मृत्यु – 232 ईसा पूर्व (पाटलिपुत्र, पटना)
- उत्तराधिकारी – दशरथ मौर्य
- पत्नी – कारुवाकी, देवी, पद्मावती, तिष्यरक्षिता
- वंश -मौर्य
- पिता – बिन्दुसार
- माता – सुभद्रांगी (रानी धर्मा)
बौद्ध धर्म अंगीकरण
कलिंग युद्ध में हुई क्षति तथा नरसंहार से उसका मन युद्ध से ऊब गया और वह अपने कृत्य को लेकर व्यथित हो उठा। इसी शोक से उबरने के लिए वह बुद्ध के उपदेशों के करीब आता गया और अंत में उसने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया।
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